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जुलै, २०११ पासूनच्या पोेस्ट दाखवत आहे

श्री बजरंग बाण

दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते , विनय करें  सनमान |   तेहि के कारज सकल शुभ , सिद्ध करें हनुमान | |  जय हनुमन्त संत  हितकारी  | सुनी लीजै प्रभु अरज हमारी | |   जन के काज विलम्ब न कीजै  | आतुर दौरि महा सुख दीजै | | जैसे कूदी सिन्धु महिपारा |  सुरसा बदन पैठी विस्तारा | |  आगे जाए लंकिनी रोका | मारेहु लात गई सुरलोका | |  जाय विभीषन को सुख दीन्हा |  सीता निरखि परमपद लीन्हा | | बाग उजारि सिन्धु महं बोरा |  अति आतुर जम कातर तोरा | |  अक्षय कुमार को मारी संहारा |  लूम लपेटी लंक को जारा | |  लाह समान लंक जरि गई |  जय जय धुनी सुर पुर महं भई | |  अब विलम्ब केहि कारन स्वामी |  कृपा करहु उर अन्तर्यामी | |  जय जय लखन प्राण के दाता |  आतुर होई दुख करहुं निपाता | | जै गिरिधर जै जै सुख सागर | सुर समूह समरथ भटनागर | | ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले | बैरिहि मारू बज्र की कीले | | गदा बज्र लै बैरिहिं मारो | महाराज प्रभु दास उबारो | | ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो | बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो | | ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा | ॐ  हुं  हुं  हुं  हनु अरि उर शीशा | | सत्य होहु हरी शपथ पायके | रामदूत धरु मारू जाय क